Wednesday, December 16, 2020

निर्भया साझा संकलन का आनलाईन लोकार्पण |

By Team ENMP 16 Dec 2020 | Wednesday 
■निर्भया साझा संकलन का आनलाईन लोकार्पण■
स्त्री के सम्मान की रक्षा ही आज समाज की सबसे बड़ी चुनौती है। आज नैतिक मूल्यों को बचाने की जरूरत है। यह बात वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पद्मा सिंह ने निर्भया दिवस पर अखंड संडे द्वारा निर्भया विशेषांक के ऑनलाईन लोकार्पण अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि - पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव से भारतीय समाज को बहुत आघात पहुँचा है। जब तक हम न्याय, सत्य,परेपकार, त्याग और कर्तव्यपालन जैसे मानवीय मूल्यों को समाज का हिस्सा नहीं बना लेते तब तक भारतीय संस्कृति की सुरक्षा प्रशन चिन्ह बनकर खड़ी रहेगी। पुरुषों की सामंतवादी विचारधारा को परास्त करने के लिए समाज की उन रूढिय़ों पर नियंत्रण करना ज़रूरी है जिससे ये जनमती है।
वहीं समाज सेविका डॉ. दिव्या गुप्ता ने कहा की इस विषय को जब तक हम  समाज के हर वर्ग तक नहीं लेकर जाएँगे तब तक समस्या के समाधान के बारे में हम कल्पना भी नहीं कर सकते।  निर्भया कल भी थी आज भी है और आगे भी रहेगी क्यों कि  हमारे प्रयास अधूरे हैं। हम हम उसकी जड़ पर प्रहार नहीं कर रहे हैं। सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.शेफाली जैन ने कहा कि इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। माँ के गर्भ से ही बेटी के लिए तिरस्कार के माहौल की शुरुआत हो जाती है।
हम अपने बेटे और बेटी का लालन-पोषण एक समान नहीं करते । दोनों के लिए नियम समान नहीं होते। उनको संवेदनशीलता और नारी सम्मान का पाठ शुरू से ही पढ़ाना ज़रूरी है। यही नहीं हमें अपनी बेटियों को भी ज्यादा साक्षर एवं आत्मनिर्भर बनाना होगा। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने वर्तमान बिगड़ते परिवेश में नारियों पर बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर अपनी ङ्क्षचता जाहिर करते हुए कहा कि ये हमारे देश का बड़ा दुर्भाग्य है कि तमाम प्रयासों के बावजूद, तमाम कानूनों के बावजूद भी शुम्भ और निशुम्भ जैसे राक्षस समाज में बढ़ते ही जा रहे हैं।
निर्भया एक मंत्र बन गई है, एक अस्त्र, एक शस्त्र बन गई है जो दरिंदों को  राक्षसों को समाप्त करने में अपनी भूमिका निभाएँगी। वहीं कृति संपादक मुकेश इन्दौरी ने कहा कि संग्रह में कुल 80 रचनाकारों की रचनाएँ शामिल हैं जिसमें से 27 कवि एवं 53 कवयित्रियाँ हैं। जिन्होंने देश में आए दिन होती बलात्कार, यौन उत्पीडऩ, पाशविक दिल दहलाने वाली घटनाओं से क्षुब्ध होकर अपने आक्रोश को रचनाओं के माध्यम से अभिव्यक्त किया है। रचनाओं में देश की लचर कानून व्यवस्था, बढ़़ती पाश्चात संस्कृति के प्रभाव पर रोष जताया गया।  साथ ही वर्तमान बिगड़ते परिवेश में सामाजिक बदलाव की पैरवी भी की । समाज को, परिवार को आज संस्कारित करने की आवश्यक्ता पर बल दिया और स्वयं नारी से इन अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील भी की  ।  क्या बेटी होना अभिषाप है ?  क्या नारी ही नारी की शत्रु नहीं ?  अपराधी बेटों की माँओं के मन में बेटी के प्रति ममता नहीं ? आखिर कब तक ? ऐसे कई प्रश्रचिन्ह भी रचनाकारों द्वारा खड़े किए गए हैं जो अंतर्मन को झकझोर जाते हैं। 
माँ स्वयं आगे आए और अपने अपराधी प्रवृत्ति के बेटों को सुधारे और उन्हें दंडित करें, पीडि़ता के साथ न्याय करें ।  यदि माता-पिता स्वयं अपने बच्चों को सुधारने के साथ संस्कारित करने लग जाएँ और अपराध करने पर उन्हें स्वयं दण्डित करने लग जाएँ तो निश्चित ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है । मालवी कवियित्री हेमलता शर्मा भोली बैन ने कहा कि निश्चय ही यह संग्रह समाज में एक नई अलख जगाएगा। 
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल, प्रदीप नवीन, जयोति जैन, आशा जाकड़,  डॉ सुधा चौहान,  डॉ.अंजुल कंसल, डॉ.मीना परिहार , ब्रजेन्द्र नागर,  अनिल ओझा, दिनेशचंद्र तिवारी, माया बदेका उज्जैन, चंद्रकला जैन चण्डीगढ़, हंसा मेहता, नीति अग्रिहोत्री, प्रभा तिवारी ,कुमुद दुबे सुनीता संतोषी, शोभारानी तिवारी, मुन्नी गर्ग , डॉ. शशिकला अवस्थी, डॉ.शशि निगम, हीति निगम, रागिनी शर्मा, सहित  देश-प्रदेश के कई साहित्यकार एवं अखंड संडे परिवार के सदस्य ऑनलाईन उपस्थित थे । संचालन मुकेश इन्दौरी ने किया । आभार हेमलता शर्मा 'भोली बैन' ने माना ।अधिक जानकारी के लिए हमारे पेज को Like करें
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Sunday, December 6, 2020

स्वर संगीत कराओके क्लब महू द्वारा डॉ प्रभुशंकर दुबे का 74वां अवतरण पर्व स्वर लहरियों से मनाया गया।

Source: ENN      MONDAY      07 Dec 2020
महू। स्वर संगीत कराओके क्लब द्वारा  डॉ प्रभुशंकर दुबे का 74 वां अवतरण पर्व पर पधारे महू, इन्दौर, उज्जैन व मानपुर के स्वर साधकों द्वारा हाट मैदान स्थित वैष्णव विद्या बाल मंदिर में एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर उम्र के बढ़ते खुमार को यौवनावस्था में ला दिया डॉ प्रभु शंकर दुबे कलाकारों के साथ ऐसे नाच उठे जैसे बरखा आने पर मयूरा। सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात गायन प्रस्तुति  में लक्ष्मी दुबे द्वारा अपने जीवन साथी आद. डॉ प्रभुशंकर दुबे जी को समर्पित मधुर गान 'बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम' सुनाकर कार्यक्रम की शुरुआत की क्रमानुसार  सुशील जैन अपनी मधुर स्वर लहरी में 'मैं आया हूं लेके साज' सुनाकर कार्यक्रम को स्वरमय कर दिया।  युगल गायन में नीरज एवं नीरू सिन्हा ने अपने सुंदर अंदाज में 'तुझे दिल में बंद कर लूं दरिया में फेंक दूं चाबी' सुनाकर आयोजन में चार चांद लगा दिये, शाईनिंग क्लब के स्टार महेन्द्र तोमर ने 'परदा है परदा' कब्बाली सुनाकर ठंड की मीठी चुभन  पर परदा डाल वातावरण में गर्म जोश भर दिया । महेन्द्र कुंदनानी ने महेन्द्र कपूर का गाना 'किसी पत्थर की मूरत से' सुनाकर वाह वाही एकत्रित की'। राजेश साल्वे ने जन्म दिन गीत बार-बार दिन ये आये गाकर  सभी साधकों के स्वर मुखरित कराते हुये बधाई दी। रवि बाथम द्वारा 'कोई जन्नत की वो हूर नहीं' सुनाकर कॉलेज की यादें ताजा कर दीं।
 इसी क्रम में छोटू हिंदुस्तानी ने मधुर आवाज में ना तुम वेवफा हो ना हम वेवफा र्है' सुनाते हुये मुहब्बत को दिलों में जिंदा कर दिया। स्वरों की रंगोली को सजाते हुये सुरीले फनकारों में दीपक मगनानी, अंकित साल्वे, दामोदर विरमाल, रवि बाथम, कृष्णकांत पंचोली, दशरथ ठाकुर,   जीत राठौर, रविकांत, भरत दुबे, विजय शर्मा, सत्यनारायण चौहान (पटेल सेनिटरी), सुनील दांडगे एवं मास्टर वंश आदि सभी ने बेहद सुंदर गीत सुनाए। कार्यक्रम में विशेष प्रस्तुति में दशरथ ठाकुर द्वारा वंशी की धुन सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ प्रभुशंकर दुबे ने अंत में नृत्य करते हुये 'तमा-तमा लोगे तमा' गाना सुनाकर सभी में एक नव ऊर्जा का संचार भर दिया सभी ने उन्हें पुनः बधाई देते हुये उनके स्वस्थ जीवन की मंगल कामना की।
कार्यक्रम निर्धारित समय शाम 4 बजे चालू होकर रात्रि 10 बजे संपन्न हुआ।  अविस्मरणीय झ्न क्षणों को सभी ने आंखों के साथ-साथ अपने मोबाईल में संगृहित किया। अंत में कार्यक्रम में पधारे सभी मित्रों का आभार व दुबे परिवार को धन्यवाद प्रेषित कर स्वर संगीत कराओके क्लब महू के सौजन्य से विनोद सिंह गुर्जर ने बधाई दी।
उपरोक्त आयोजन में व्यवस्थापक टीम द्वारा कार्यक्रम स्थल पर कोरोना के चलते कार्यक्रम में "दो गज दूरी - मास्क है ज़रूरी" एवं सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का विशेष पालन किया गया।
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Wednesday, December 2, 2020

डॉ मणि मुथा जी महाराष्ट्र प्रदेश सचिव नियुक्त हुई।

डॉ मणि मुथा जी महाराष्ट्र प्रदेश सचिव नियुक्त हुई।Source : ENMP | 02.12.2020 | Wednesday
जलगांव महाराष्ट्र - राष्ट्रीय विधवा दिव्यांग संघ राष्ट्रीय सुरक्षा सेना की एक बैठक राष्ट्रीय कार्यालय पर हुई।जिसकी अध्यक्षता मान्यवर श्री राजेश वर्मा जी ने की। वहां पर राष्ट्रीय विधवा दिव्यांग महिला सशक्तिकरण सेना के चुनाव  संपन्न हुए जिसमें महाराष्ट्र प्रदेश से डॉ मणि मुथा (एस,डी डी.एम.टी )फिजियोथैरेपिस्ट , अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन प्रेसिडेंट जलगांव को महाराष्ट्र प्रदेश सचिव के पद पर निर्विरोध निर्वाचित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट राजेश वर्मा ने डॉक्टर मणि मुथा को विजयी होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
तथा कहा कि वह  राष्ट्रीय विधवा एवं दिव्यांग तथा महिला सुरक्षा सेना के लिए उसी प्रकार कर्मठता पूर्वक कार्य करें।नव निर्वाचित  महाराष्ट्र प्रदेश सचिव डॉ मणि मुथा ने कहा कि वह अपने आप को काफी गौरवान्वित महसूस कर रही हैं कि राष्ट्रीय  कार्यकारिणी ने उन्हें निर्विरोध प्रदेश सचिव के पद पर चुना। उन्होंने कहा कि वे निरंतर राष्ट्रीय विधवा एवं दिव्यांग तथा महिला सुरक्षा के क्षेत्र में संगठन के द्वारा किए जाने वाले जनहित के कार्य करती रहेंगी एवं समय-समय पर विधवा एवं दिव्यांग तथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपने कर्तव्य का पालन करेंगी।राष्ट्रीय विधवा एवं दिव्यांग तथा महिला सुरक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट राजेश वर्मा जी, राष्ट्रीय जॉइंट सेक्रेटरी डॉ ममता बड़जात्या व मध्य प्रदेश अध्यक्ष कल्पना बंडीजी ,महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष श्रुति भट्टाचार्य को उन्होंने बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।.जिन्होंने उनको इस नेक कार्य के लिए प्रेरित किया ।
डॉ मणि मुथा‌ जी महाराष्ट्र का प्रदेश सचिव बनाए जाने पर समस्त पदाधिकारियों ने बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं दी।
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Monday, November 30, 2020

संस्था विध्यांजली ने किया स्वास्थ्य के विद्वानों का सम्मान।

संस्था विध्यांजली ने किया स्वास्थ्य के विद्वानों का सम्मान।
महू। साहित्य कला व समाज को समर्पित मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठित संस्था विध्यांजली भारत के सदस्यों द्वारा कोरोना काल मे स्वास्थ्य के विद्वानों द्वारा उत्कृष्ट सेवा देने पर "विध्यांजली सम्मान" से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान इंदौर के ख्यातिप्राप्त डॉ प्रमोद झंवर, डॉ तनय जोशी, व महू के संजीव मिश्रा, व संपत जाट को प्रदान किया गया।इस अवसर पर संस्थापक व प्रमुख सदस्यों के रूप में दामोदर विरमाल, सचिन गुप्ता, दिनेश पंचोली, इरशाद कुरेशी, गोविंद कौशल, तुषार अग्रवाल, हिमांशी आदि शामिल हुए।
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Saturday, November 28, 2020

फिर सजेगी स्वर संगीत कराओके क्लब की महफ़िल

महू। बड़े दिनों बाद स्वर साधकों व संगीतप्रेमीयों के लिए खुशखबरी है लेकर आई है संस्था स्वर संगीत कराओके क्लब महू जिसमे होने जा रही है एक से बढ़कर एक सुरीली प्रस्तुतियां।
जी हां आगामी 29 नवम्बर 2020 (रविवार) को दोपहर 3 बजे स्वर साधकों द्वारा मां सरस्वती का आव्हान किया जाएगा और पुनः होगा भव्य आयोजन का आगाज़। व्यवस्थापक टीम द्वारा कार्यक्रम का स्थान शिव एकेडमी कालिंदी विहार महू रखा गया है। कोरोना के चलते कार्यक्रम में "दो गज दूरी - मास्क है ज़रूरी" एवं सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का विशेष पालन करने हेतु निवेदन किया गया है।
अपने क्षेत्र की खबरों के लिए अभी संपर्क कर सकते है।
संपादक: दामोदर विरमाल इंदौर - 8120203050

निर्भया साझा संकलन का आनलाईन लोकार्पण |

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